गुरुवार, 22 फ़रवरी 2024

आवाज़ का जादूगर : अमीन सयानी

 'नमस्कार भाइयों और बहनों, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं' अब यह आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई है। अपनी जादुई आवाज और नज़ाकत भरे अंदाज से बरसों दुनिया के कई देशों के श्रोताओं के दिलों पर राज करने वाले सयानी का निधन हो गया है। 91 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। 

अमीन सयानी देश के ऐसे पहले रेडियो स्टार रहे हैं, जिनका बड़े-बड़े फिल्म स्टार भी सम्मान करते थे। एक ज़माने में अपने ‘बिनाका गीत माला’ कार्यक्रम के माध्यम से आवाज के जादूगर सयानी ने धूम मचा दी थी।रेडियो श्रोताओं के कानों में आज भी सयानी की आवाज में 'नमस्कार बहनों और भाइयो, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं' गूंजता है। 


अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर, 1932 को मुंबई में हुआ था। वह एक बहुभाषी परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें बचपन से ही लिखने का शौक था और महज 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी मां की पाक्षिक पत्रिका 'रहबर' के लिए लिखना शुरू कर दिया था। इस उम्र में ही वह अंग्रेजी भाषा में एक कुशल प्रस्तोता बन गए थे। अमीन सयानी ने रेडियो प्रस्तोता के रूप में अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो, मुंबई से की थी। उनके भाई हामिद सयानी ने उन्हें यहां इंट्रोड्यूस कराया था। और उन्होंने आकाशवाणी मुंबई की अंग्रेजी सेवा में बच्चों के कार्यक्रमों में भाग लेना शुरू कर दिया था।10 साल तक वे अंग्रेजी कार्यक्रमों का हिस्सा रहे।

हालांकि, जब सयानी ने ‘हिंदुस्तानी’ भाषा में प्रस्तुति देने के लिए ऑडिशन दिया तो उनकी आवाज में हल्का गुजराती लहजा होने के कारण उनका चयन नहीं किया गया। उन दिनों जब तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री बी वी केसकर ने आकाशवाणी से हिंदी गानों पर प्रतिबंध लगा दिया तो रेडियो सीलोन लोकप्रिय होने लगा। सयानी को दिसंबर 1952 में रेडियो सीलोन पर 'बिनाका गीतमाला' पेश करने का मौका मिला। सयानी का शो ‘बिनाका गीतमाला’ पहले रेडियो सीलोन पर बुधवार रात 8 बजे प्रसारित होता था। ये 30 मिनट का प्रोग्राम था। 1952 में शुरू हुआ ये शो रातोंरात लोकप्रिय हो गया और इसके साथ ही सयानी रेडियो के स्टार बन गये। लोग बेसब्री से इस शो का इंतजार किया करते थे। 1952 से 1994 तक 42 वर्षों तक भारी लोकप्रियता हासिल करता रहा। बाद में 2000-2001 और 2001-2003 में इसके नाम में मामूली बदलाव के साथ इसे फिर से शुरू किया गया। ‘बिनाका गीतमाला’ से ये ‘सिबाका गीतमाला’ हुआ और बाद में ‘हिट परेड’ नाम से भी प्रसारित हुआ, लेकिन इसकी लोकप्रियता कभी कम नहीं हुई। गीतमाला शो ऑल इंडिया रेडियो और विविध भारती पर भी प्रसारित हुआ। गीतमाला के दिनों को याद करते हुए अमीन सयानी ने कहा था, "मैं चाहता था कि हर सुनने वाले को ऐसा लगे कि मैं उससे ही बात कर रहा हूं। और, यही बात उन लोगों पर असर कर गई।"

अमीन सयानी ने एक वॉयस ओवर आर्टिस्ट के तौर पर भी रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 54 हजार से ज्यादा रेडियो कार्यक्रमों की मेजबानी की और उनमें अपनी आवाज दी। लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में उनके नाम सबसे ज्यादा 19000 जिंगल्स और वॉयस ओवर का रिकॉर्ड दर्ज है।

सयानी कई फिल्मों में भी रेडियो उद्घोषक के रूप में दिखाई दिए। इनमें 'भूत बंगला', 'तीन देवियां', 'बॉक्सर' और 'कत्ल' जैसी फिल्मों के नाम उल्लेखनीय हैं। मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर, किशोर कुमार और राजकपूर जैसी हस्तियों के साथ उनके साक्षात्कारों ने भी उनके प्रशंसकों की संख्या में बढोत्तरी करने का काम किया।

अमिताभ बच्चन के साथ अमीन सयानी का एक दिलचस्प वाकया जुड़ा हुआ है। अपने संघर्ष के दिनों में अमिताभ बच्चन मुंबई के रेडियो स्टूडियो में भी ऑडिशन देने पहुंचे थे। अमिताभ बिना अपॉइंटमेंट लिए सयानी से मिलने चले गए। उस वक्त सयानी ने उनसे मिलने से मना कर दिया था। बाद में उन्होंने अमिताभ की आवाज सुनी तो कहा था- तुम्हारी आवाज सुनकर लोग डर जाएंगे।

अमीन सयानी के निधन के साथ ही हमने एक अनमोल रत्न को खो दिया है। रेडियो की दुनिया को फिर से इतना बड़ा स्टार शायद ही मिल सकेगा।



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