सोमवार, 29 नवंबर 2010

बचपन की यादें

बचपन की अपनी तस्वीरों को उलटते पुलटते हुए मैं खुद बचपन में पहुँच गया हूँ. पुरानी यादों को ताज़ा करने का सबसे अच्छा जरिया हैं तसवीरें. अपने बचपन की एक ऐसी ही तस्वीर पर मेरी निगाह बरबस ही ठहर गयी. यह तस्वीर है मेरे के. जी. कक्षा की ग्रुप फोटो. तब मैं हिमानी शिशु विद्या मंदिर, मोहल्ला बहादुर नगर, लखीमपुर खीरी का छात्र था.  नीचे यह तस्वीर दी है जिसमे लाल गोले में मेरा बचपन कैद है. यह तस्वीर मैं इस मकसद से ब्लॉग पर पोस्ट कर रहा हूँ कि शायद उस समय के  मेरे  कोई सहपाठी से मेरी मुलाक़ात का जरिया बन जाय. 

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