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शनिवार, 1 जनवरी 2011

राम भरोसे हिन्‍दुस्‍तान

साल 2010 में पूरे देश भर में भ्रष्‍टाचार को लेकर हो हल्‍ला मचा रहाा बडे बडे नाम दागदार हुए, बड़े बड़े राज पर्दाफाश हुएा बड़े बड़े लोगों से लेकर आम जनता तक ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ नारे बुलन्‍द कियेा लेकिन हुजूर, हम हिन्‍दुस्‍तानी हैंा हम नहीं सुधरेंगेा भ्रष्‍टाचार हमारे खून में शामिल हो चुका हैा भ्रष्‍टाचार के जहरीले पेड़ को उखाड़ फेंकना इतना आसान नहीं हैा इसकी जड़ें बहुत गहराई तक फैली र्हु हैंा

उदाहरण के लिए यहां केवल दो घटनाओं का जिक्र करना चाहूँगाा नये साल के पहले ही दिन अखबार पढ़ते हुए दो ऐसी खबरें पढ़ने को मिलीं जिन्‍हें पढकर आप भी चौंक जाएंगेा

पहली खबर- 126 बहुउदद्यदेशीय लड़ाकू विमानों की 11 अरब डालर के सौदे से संबंधित गोपनीय फाइल जो हाल ही में रक्षा मंत्रालय के दफतर से गायब हो गयी थी, वह राजधानी की एक सड़क के किनारे पड़ी मिलीा हालांकि वायुसेना ने इस मामले में इन्‍क्‍वायरी के आदेश दे दिये हैं लेकिन सवाल यह है कि जब रक्षा मंत्रालय जैसे कार्यालयों में कोई चीज गोपनीय नहीं रह सकती तो कहॉं रह सकती हैा इसका मतलब तो यही है कि हमें बाहरी दुश्‍मनों से ज्‍यादा अपनों के बीच छिपे हुए मधु गुप्‍ता और रवि इन्‍दर सिंह जैसे दुश्‍मनों से ज्‍यादा खतरा हैा

अब जरा नजर डालिये दूसरी खबर पर- उत्‍तर प्रदेश के जिला सुल्‍तानपुर में निहालगढ़ की शुकुल बाजार रेलवे क्रासिंग पर पोर्टर के स्‍थान पर एक किशोर सरकारी डयूटी करता मिलाा यह किशोर न केवल लाइन क्रासिंग बन्‍द करता है और गेट लाग बुक भरता है बल्कि सुपरफास्‍ट गाडि़यों समेत कई अहम गाडि़यों को झंडियां भी दिखाता हैा सोनू नाम के इस किशोर की तस्‍वीर भी अखबार ने लागबुक भरते हुए प्रकाशित की हैा  सोनू ने बताया कि उसे इस काम के एवज में पोर्टर साहब से कुछ पैसे और खाने पीने का सामान मिल जाता हैा प्रेस वालों की मौजूदगी का पता चलते ही पोर्टर पवन भागकर मौके पर पहुँचाा

यह किस्‍सा तो केवल एक रेलवे क्रासिंग का हैा हिन्‍दुस्‍तान में न जाने कितनी रेलवे क्रासिंग हैं जहां ऐसे और कई पोर्टर पवन होंगे जो डयूटी से गायब रहते होंगे और उनकी जगह सोनू जैसे नाबालिग और मजबूर बच्‍चों को लालच दिखाकर उन्‍हें सरकारी काम पर लगाया जाता होगाा

आज ही सुबह 'दैनिक जागरण' में प्रका‍शित इन खबरों पर नजर पड़ी तो बस यही समझ में आया कि हिन्‍दुस्‍तान राम भरोसे ही चल रहा हैा अब तो आपको राम के अस्तित्‍व में विश्‍वास करना ही पड़ेगाा