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| (1971 के ऐतिहासिक मैच में मोहम्मद अली को धूल चटाते जो फ्रेजर- गूगल इमेज से साभार) |
विश्व के सर्वकालीन महानतम मुक्केबाजों में से एक जो फ्रेजर नहीं रहे, उनका कैंसर की बीमारी से देहान्त हो गया, यह खबर आज अखबार में पढ़कर दिल को धक्का लगा। मैं जो फ्रेजर की पीढ़ी का नहीं हूँ, काफी बाद की पैदाइश हूँ, लेकिन मैं पहली बार उनका फैन तब बना जब टी0वी0 पर मुहम्मद अली के साथ 1971 में हुए उनके मैच की रिकार्डिंग देखी थी। अगर किसी मुक्केबाजी खेल के प्रेमी ने यह फाइट लाइव या टी0वी0 पर कभी नहीं देखी है तो वह सच्चा मुक्केबाजी फैन नहीं हो सकता, यह बात मैं इस मैच की रिकार्डिंग देखने के बाद कह सकता था। यह ऐतिहासिक मैच देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गये थे। 15 राउण्ड तक चले इस भीषण घमासान में जो फ्रेजर ने मुहम्मद अली को धूल चटाई थी और मुहम्मद अली को हराने वाले पहले मुक्केबाज बने थे। इस मैच को जीतकर फ्रेजर अपना खिताब बचाने में भी सफल रहे थे। फ्रेजर और मोहम्मद अली के बीच रिंग में और रिंग के बाहर प्रतिद्वन्द्वता जगजाहिर थी और इसके चर्चों से मीडिया के स्पोर्ट्स पेज भरे रहते थे।
जो फ्रेजर ने 1964 में टोक्यो ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर ओलम्पिक में स्वर्ण जीतने वाले पहले अमरीकी मुक्केबाज होने का गौरव हासिल किया। बाद में पेशेवर मुक्केबाजी में उतरकर उन्होंने जिमी एलिस को 1970 में हराकर पहली बार हैवीवेट खिताब जीता था। इसी खिताब की रक्षा अगले वर्ष 1971 में उन्होंने मुहम्मद अली को हराकर की थी। उन्होंने अपने कैरियर की आखिरी फाइट 1981 में फ्लायड विलियम्स के साथ लड़ी थी जो अनिर्णीत रही। लेकिन उनकी जिन्दगी की सबसे बड़ी लड़ाई जो कैंसर के खिलाफ चल रही थी, उसमें वह हार गये और गत सोमवार को फिलाडेल्फिया में उनका निधन हो गया।
इस महान खिलाड़ी को मेरी ओर से श्रद्धांजलि।
