इधर एक लम्बे समय से मैं अपने ब्लॉग से अनुपस्थित रहा हूँ। मेरी पिछली पोस्ट शायद जून के महीने की होगी। इसका कारण कुछ तो व्यक्तिगत समस्याएं थीं, कुछ आलस्य और कुछ लिखने की व्यर्थता का भाव। गहन अंतर्द्वंद के पश्चात इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि लेखन और पठन तो मेरे प्रिय शौकों में से एक रहा है। इसलिए कोई वजह इतनी तगड़ी नहीं हो सकती कि अपने प्रिय शगल से नाता तोडूं। सो यह पोस्ट अपने ब्लॉग पर डाल रहा हूँ इस संकल्प के साथ कि अब ब्लॉग जगत में न केवल अपनी उपस्थिति दर्ज कराता रहूँगा बल्कि दूसरों की पोस्ट को पढने के लिए भी अधिक से अधिक समय निकालने का प्रयास करूँगा।
- घनश्याम मौर्य।
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