13 नवम्बर, दिन रविवार। मैं घर में बैठा आराम से अखबार पढ़ रहा था कि मेरा मोबाइल बज उठा। कॉल अटैण्ड की तो पता चला कि मेरे तीन वर्षीय बेटे तेजस की स्कूल टीचर का फोन है। फोन पर जो उन्होंने रिमाइण्डर दिया वह मुझे पहले से ही पता था क्योंकि मेरे बेटे की स्कूल डायरी में पहले ही मैसेज लिखकर आ चुका था। 14 नवम्बर को मेरे बेटे के स्कूल जिसका नाम Buds International, Rajajipuram, Lucknow में बाल दिवस के अवसर पर एक छोटे से मेले का आयोजन किया गया था। सभी बच्चों के अभिभावकों से गुजारिश थी कि अपने बच्चों के साथ आयें और मेले का आनन्द लें। उस दिन कोई क्लॉस नहीं होनी थी। चूँकि 14 नवम्बर को मेरा दफ्तर था इसलिये मैं तो स्कूल नहीं जा सका, लेकिन यह जिम्मेदारी श्रीमती जी के सुपुर्द कर दी और साथ ही ताकीद भी की कि बच्चे को कोई नुकसानदेह चीज न खिलायें क्योंकि अभी कुछ ही दिन हुए उसकी तबीयत सही हुई थी। मेरी श्रीमती जी ने नाक भौं सिकोड़ते हुए (क्योंकि उनका मानना था कि यह जिम्मेदारी मेरी थी उनकी नहीं, लेकिन मैनें तो मजबूरी वश यह पावर उनको डेलीगेट कर दिया था), इस काम के लिये हामी भर ली। खैर, मेले में मॉं-बेटे दोनों ने खूब एन्ज्वाय किया। यहॉं तक कि श्रीमती जी की सारी शिकायत भी दूर हो गयी। लौटकर उन्होंने बताया कि बच्चों संग समय तो अच्छा बीता। आइये आपको भी सैर कराते हैं इस मेले की, चंद तस्वीरों के जरिये जो श्रीमती जी ने अपने मोबाइल कैमरे से ली थीं-
तेजस (लाल स्वेटर में) ट्रेन की सवारी करते हुए |
बग्घी की सवारी का आनन्द लेते बच्चों के बीच तेजस |
मेरी-गो-राउण्ड में ऊपर बैठा हुआ तेजस लाल स्वेटर में |
बन्दूक से गुब्बारा फोड़ते हुए तेजस- कुछ फूटे, कुछ नहीं |
मिट्टी में छिपे खिलौने ढूढने की कोशिश में तेजस |
तेजस ने खरीदा इन्फ्लैटेबल टाइगर |
बच्चों संग मेले में आनन्द उठाते अभिभावक |