गुरुवार, 9 मई 2019

यह न समझ अनजान हैं लोग

यह न समझ अनजान हैं लोग
चुप हैं, नहीं बेजान हैं लोग 

इनको हाँक न पाओगे,
ढोर  नहीं, इंसान हैं लोग 

कौड़ी  में बिक जाएंगे,
इतने बेईमान हैं लोग?

आपस में लड़वाओगे,
क्या समझे, हैवान हैं लोग?

नज़रें तुमको परख रहीं ,
चौकी नहीं, मचान हैं लोग 

लोगों की ही बात करो,
भीड़ नहीं, भगवान् हैं लोग