हुस्न वाले हुस्न का अंजाम देख।
तेरी गलियों में मचा कोहराम देख।
तुझ पे लट्टू हैं जवां दिल ही नहीं,
हो रहे बूढ़े भी सब गुलफाम देख।
हर कोई बेकल तेरे दीदार को,
तेरी खातिर होते क़त्ल-ऐ-आम देख।
है जवानी जब तलक कायम तेरी,
तब तलक दुनिया को तुझसे काम देख।
हुस्न तेरा एक दिन ढल जाएगा,
होगा तू गुमनाम और बेदाम देख।
- घनश्याम मौर्य
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