पापा मुझ पर धौंस जमाते,
''होमवर्क निपटाओ।''
मम्मी मुझको डॉंट पिलातीं,
''दूध गटक पी जाओ।''
दादी कहतीं, ''गिर जाओगे,
दौड-भाग मत करना।''
दीदी कहतीं, ''मत चिल्लाओ,
मुझको तो है पढना।''
अगर कहीं मैं अपने घर में,
बडा सभी से होता।
सब पर अपना हुक्म चलाता,
चैन की निंदिया सोता।