सुबह स्नान कर पूजा करती,
सुरभित कस्तूरी है मॉं।
चपल रसोईं में घुस जाती,
बेलन, चमच, छुरी है मॉं।
दादा-दादी, पापा, मेरी
सबकी कमजोरी है मॉं।
थपकी देकर मुझे सुलाती,
मीठी-सी लोरी है मॉं।
भांति-भांति त्योहार मनाती,
गीत, भजन, कजरी है मॉं।
पहिये-सा परिवार संभाले,
वह मजबूत धुरी है मॉं।
सुरभित कस्तूरी है मॉं।
चपल रसोईं में घुस जाती,
बेलन, चमच, छुरी है मॉं।
दादा-दादी, पापा, मेरी
सबकी कमजोरी है मॉं।
थपकी देकर मुझे सुलाती,
मीठी-सी लोरी है मॉं।
भांति-भांति त्योहार मनाती,
गीत, भजन, कजरी है मॉं।
पहिये-सा परिवार संभाले,
वह मजबूत धुरी है मॉं।
3 टिप्पणियां:
Dua kartee hun ki mazboot sahara anant kaal tak bana rahe!
धरती का स्वर्ग - मां का आंचल।
sir plz help me mene naya blog bnaya h aap ise apne blog world me samil kare or apne friend ko bhi suchit kare plz plz help me. mere blog ka pata h,,,
www.hiteshnetandpctips.blogspot.com
एक टिप्पणी भेजें