मिल गये दिल तो कैसी दूरी है।
इश्क को हुस्न की मंजूरी है।
अब तो हर सांस कह रही है यही,
बिन तेरे जिन्दगी अधूरी है।
हर तरफ तीर सी निगाहें हैं,
प्यार की राह में मजबूरी है।
मिलेगी मंजिल-ए-मकसूद तुझे,
यकीन-ओ-हौसला जरूरी है।
जिसकी खुशबू से बच सका न कोई,
प्यार तो ऐसी ही कस्तूरी है।
इश्क को हुस्न की मंजूरी है।
अब तो हर सांस कह रही है यही,
बिन तेरे जिन्दगी अधूरी है।
हर तरफ तीर सी निगाहें हैं,
प्यार की राह में मजबूरी है।
मिलेगी मंजिल-ए-मकसूद तुझे,
यकीन-ओ-हौसला जरूरी है।
जिसकी खुशबू से बच सका न कोई,
प्यार तो ऐसी ही कस्तूरी है।
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