शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

पापा जल्‍दी आ जाना



पापा जल्‍दी आ जाना। 
मुझको संग घुमा जाना। 
मैं भी जाऊँगा बाजार। 
और खिलौने लूँगा चार। 

(यह कविता बचपन में कहीं पढी थी। अपने बेटे की इस तस्‍वीर को देखकर यह कविता याद आ गई।)

2 टिप्‍पणियां:

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

:-)

प्यारी तस्वीर...
कोमल भाव..

अनु

a aryendu viplavi ने कहा…

Bahut achchcha