जीवन और जगत
शुक्रवार, 21 सितंबर 2012
पापा जल्दी आ जाना
पापा जल्दी आ जाना।
मुझको संग घुमा जाना।
मैं भी जाऊँगा बाजार।
और खिलौने लूँगा चार।
(यह कविता बचपन में कहीं पढी थी। अपने बेटे की इस तस्वीर को देखकर यह कविता याद आ गई।)
2 टिप्पणियां:
ANULATA RAJ NAIR
ने कहा…
:-)
प्यारी तस्वीर...
कोमल भाव..
अनु
25 सितंबर 2012 को 11:15 pm बजे
a aryendu viplavi
ने कहा…
Bahut achchcha
17 अप्रैल 2017 को 12:10 pm बजे
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
2 टिप्पणियां:
:-)
प्यारी तस्वीर...
कोमल भाव..
अनु
Bahut achchcha
एक टिप्पणी भेजें