सूचना लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सूचना लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

जीमेल को बनाइये ऑनलाइन स्‍टोरेज

क्‍या आपको पता है कि आप अपने जीमेल खाते को ऑनलाइन स्‍टोरेज ड्राइव की तरह इस्‍तेमाल कर सकते हैं? दरअसल इसके लिए आपको एक एप्‍लीकेशन डाउनलोड करनी है। इसे इन्‍स्‍टाल करते ही आपके 'माई कम्‍प्‍यूटर' में बाकी ड्राइव के साथ ही जीमेल ड्राइव का ऑप्‍शन भी दिखने लगेगा। इस जीमेल ड्राइव में कोई फाइल स्‍टोर करते ही आपके जीमेल पर एक ईमेल आ जायेगा जिसमें वह फाइल अटैचमेन्‍ट के रूप में होगी। आप अपने जीमेल खाते में जीमेल फाइल्‍स के नाम से एक सबफोल्‍डर भी बना सकते हैं जिसमें ऐसी फाइल्‍स को ट्रान्‍सफर किया जा सकता है। इस उपयोगी एप्‍लीकेशन को नीचे दिये गये लिंक से डाउनलोड किया जा सकता है-

http://www.viksoe.dk/code/gmail.htm

शुक्रवार, 3 जून 2011

वर्ड फाइल को फोन्‍ट सहित कैसे सुरक्षित करें?

कई बार हम देखते हैं कि जब हम किसी 'माइक्रोसाफ्ट वर्ड' फाइल को ईमेल से भेजते हैं या पेन ड्राइव में लेकर किसी दूसरे कम्‍प्‍यूटर में ट्रान्‍सफर करते हैं और उसे खोलते हैं तो उसके फोन्‍ट बदल जाते हैं। ऐसा इसलिये होता है कि नये वाले कम्‍प्‍यूटर में वे फोन्‍ट इन्‍स्‍टाल नहीं होते जिनका प्रयोग करके फाइल को मूल रूप से लिखा गया था। इस समस्‍या से निपटने का एक अच्‍छा तरीका है फोन्‍ट को फाइल के साथ ही संयोजित कर देना यानी फोन्‍ट को 'Embed' कर देना।

इसके लिए वर्ड फाइल को खोलकर 'Save As' ऑप्‍शन में जायें फिर 'Tools' ऑप्‍शन में जाकर 'Save Options' को खोलें। यहॉ 'Embed Font In File' के सामने बने बॉक्‍स को चेक कर दें।

लेकिन इसमें एक बात ध्‍यान रखें कि ऐसा करने से फाइल का साइज बढ़ जाता है।  जितने अधिक प्रकार के फोन्‍ट फाइल में प्रयोग हुए होंगे, उतना ही अधिक फाइल का साइज बढ़ जायेगा।

शनिवार, 7 मई 2011

कितने सच्‍चे हैं अण्‍डे की पौष्टिकता के दावे ?

अण्‍डे की पौष्‍टकता के बारे में तो हमने कई बार डॉक्‍टरों से और टीवी विज्ञापनों के जरिये सुना होगा। बच्‍चों को बचपन से ही अण्‍डा खिलाने की सिफारिश की जाती है ताकि वे तंदुरुस्‍त बन सकें। लेकिन क्‍या अण्‍डा वास्‍तव में इतना पौष्टिक होता है जितना इसके बारे में दावा किया जाता है?

अभी हाल ही में स्‍वास्‍थ्‍य पत्रिका निरोगधाम का एक पुराना अंक मेरे हाथ लगा जिसमें अण्‍डे की पौष्टिकता के बारे में सवाल खड़े करते हुए इसके विपक्ष में कुछ वैज्ञानिक तर्क दिये गये हैं। अब मैं कोई डॉक्‍टर या वैज्ञानिक तो हूँ नहीं, जो इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि कर सकूँ, लेकिन मुझे लगा कि यह सवास्‍थ्‍य से संबंधित एक महत्‍वपूर्ण विषय है। इसलिए इसे अपने ब्‍लॉग पर पोस्‍ट कर रहा हूँ। नीचे दी गई जानकारी निरोगधाम पत्रिका के जनवरी, 1993 अंक से साभार उद्धृत है। 

"अण्‍डों के प्रशंसक और प्रचारक दावा करते हैं कि अण्‍डा खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक पौष्टिक और अधिक सस्‍ता होता है। उनके इस दावे में कितनी दम है इस‍की पोल खोलने के लिए हम नीचे एक चार्ट दे रहे हैं। इस चार्ट में आपको यह जानकारी मिल जाएगी कि 100 ग्राम अण्‍डे (दो अण्‍डे) और 100 ग्राम खाद्य पदार्थों में कौन-कौन पोषक तत्‍व कितनी मात्रा में पाये जाते हैं।


प्रति 100 ग्राम पदार्थ के खाद्य तत्‍व

पदार्थ का नाम
प्रोटीन
कार्बोहाइड्रेट
चर्बी
खनिज
ऊर्जा
गेहू
12.1
69.4
1.7
2.7
341
मूंग (दाल)
24.0
56.7
1.3
3.5
334
सोयाबीन
43.2
20.9
19.5
4.6
432
सींगदाना
26.2
26.7
39.8
2.5
570
दूध (गाय का)
3.2
4.4
4.1
0.8
67
दूध (भैंस का)
4.3
5.0
6.5
0.8
117
चना
24.0
59.6
1.1
3.2
347
चावल
13.5
48.4
16.2
6.6
393
पनीर
24.1
6.3
25.1
4.2
348
घी
-
-
100.0
-
900
मक्‍खन
-
-
81.0
2.5
729
अण्‍डा (दो)
13.3
-
13.33
1.0
173

आप ऊपर दिये गये चार्ट का अध्‍ययन कर लें और देख लें कि अण्‍डा पौष्टिक तत्‍वों और कैलोरीज के मामले में कितना कमजोर है। अब आप स्‍वयं फैसला कर लें। यह चाट्र हमने नेशनल इन्‍सटीट्यूट ऑफ न्‍यूट्रीशन, हैदराबाद द्वारा प्रकाशित Nutritive Value of Indian Food के आधार पर बनाकर प्रस्‍तुत किया है।"

इस विषय पर निरोगधाम पत्रिका में ही कुछ और तथ्‍यात्‍मक जानकारी ‘अण्‍डा–जहर ही जहर’ नामक पुस्‍तक के हवाले से दी गई है। यह पुस्‍तक डॉ0 नेमीचन्‍द जैन द्वारा लिखित और तीर्थकर शाकाहार प्रकोष्‍ठ प्रकाशन, 65, पत्रकार कालोनी, इन्‍दौर’ द्वारा प्रकाशित है। 

मेरा यह सूचना देने का मकसद अण्‍डाहार या अण्‍डा‍हारियों की  निन्‍दा करना नहीं है। मैं तो स्‍वयं इस बारे में और अधिक जानना चाहता हूँ। यदि आपमें से किसी के पास वैज्ञानिक जानकारी हो तो कृपया जरूर बतायें। 

बुधवार, 13 अप्रैल 2011

रक्‍तदान, जीवनदान

"We believe that you too can and will save lives.


A website http://www.bloodhelpers.com/ has been designed to build an Indian database of blood donors, which will help in saving lives of those who are in immediate need of blood.

As a matter of support to this noble cause kindly join us and also refer or forward this mail to your friends, relatives and social contacts."

उपरोक्‍त ईमेल आज ही मेरे ईमेल इनबॉक्‍स में आया। मैसेज मुझे काफी उपयोगी लगा। इसलिए ब्‍लॉग तथा अन्‍य सभी माध्‍यम जिनसे सम्‍भव हो, मैं इसे लोगों तक पहुँचाने का प्रयास कर रहा हूँ।

मंगलवार, 1 मार्च 2011

ऑनलाइन अंग्रेजी हिंदी शब्दकोश

कई बार इन्टरनेट पर काम करते समय हमें किसी शब्द का अंग्रेजी या हींदी रूपांतर जानने की ज़रुरत पड़ती है. ऐसे में ऑनलाइन शब्दकोश बहुत काम आता है.  यहाँ एक ऐसे ही ऑनलाइन शब्दकोश का वेब ठिकाना  दिया गया है. -


इस वेबसाइट पर अंग्रेजी-हिंदी शब्दकोश एवं हिंदी-अंग्रेजी शब्दकोश दोनों ही उपलब्ध हैं. आपको सर्च बॉक्स में केवल हिंदी/अंग्रेजी शब्द को टाइप करना है और उसका हिंदी/अंग्रेजी अर्थ एवं पर्यायवाची तथा विलोम शब्द भी साथ में आ जायेगा.  इस ऑनलाइन शब्दकोश को वर्ष २००३ में शुरू किया गया था और आज हज़ारों-लाखों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. आप भी इससे फायदा उठाइए और अपना शब्दकोश बढाइये.

रविवार, 27 फ़रवरी 2011

एमपी3 फाइलों में इमेज कैसे इन्‍सर्ट करें?

 kकई बार आपने देखा होगा कि कई एमपी3 फाइलों में फिल्‍म का कवर या अन्‍य कोई इमेज थम्‍बनेल के रूप में दिखाई देती है। आप सोचते होंगे कि एमपी3 फाइल में तस्‍वीर कैसे इन्‍सर्ट की जा सकती है। यह बिल्‍कुल सम्‍भव है, वह भी एकदम फ्री  साफ्टवेयर से। इस  साफ्टवेयर का नाम है एमपी3 टैग। इसे नीचे दी हुई लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं।    


 साफ्टवेयर को अपने सिस्‍टम में इन्‍सटाल कर लें। अब किसी एमपी3 फाइल को इस  साफ्टवेयर में खोलें।  साफ्टवेयर की एक विण्‍डो खुलेगी जिसमें बायीं ओर नीचे एक थम्‍बनेल साइज का बॉक्‍स होगा और दायीं ओर एमपी3 फाइल की लिस्‍ट दिखेगी। आप एक साथ कई एमपी3 फाइलों को भी खोल सकते हैं। ऐसा करना उस वक्‍त फायदेमंद है जब आपको कई फाइलों में एक ही इमेज इनसर्ट करनी हो। बायीं ओर दिये गये थम्‍बनेल बॉक्‍स में राइट क्लिक करने पर 'ऐड कवर' विकल्‍प दिखेगा। इसे क्लिक करने पर प्रोग्राम आपसे इमेज की लोकेशन मांगेगा। लोकेशन बताने पर वह इमेज कवर के रूप में थम्‍बनेल बॉक्‍स में दिखने लगेगी। अब प्रोग्राम विण्‍डो में 'फाइल' टैब पर जाकर 'सेव टैग' विकल्‍प को क्लिक करेंगे तो एमपी3 फाइल अपने मूल लोकेशन में ही इमेज के साथ सेव हो जायेगी।

इस  साफ्टवेयर के माध्‍यम से आप किसी एमपी3 फाइल में अपनी तस्‍वीर या अन्‍य कोई तस्‍वीर लगा सकते हैं। पर इमेज जेपीजी या पीएनजी फार्मेट में होनी चाहिए। एक बात और, यह  साफ्टवेयर केवल एमपी3 ऑडियो फाइल के साथ ही काम करता है, अन्य किसी ऑडियो फार्मेट के साथ नहीं।


शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011

प्रीपेड रिचार्ज की कुछ वेबसाइट्स

आजकल प्रीपेड सुविधाओं का ज़माना है. हमारे पास डी.टी.एच., मोबाइल फोन इत्यादि  अनेक ऐसी सुविधाएं हैं जिन्हें नियमित अंतराल पर रिचार्ज कराना पड़ता है. कई बार समय की कमी के कारण हम रिचार्ज कराना भूल जाते हैं. ग्रेस पीरियड ख़तम होने के बाद अतिरिक्त चार्ज भी देना पड़ जाता है. लेकिन अब कई ऐसी वेबसाइट्स हैं जिन पर  कई तरह की प्रीपेड रिचार्ज की सुविधाएं उपलब्ध हैं. ऐसी कुछ वेबसाइट्स नीचे दी गयी हैं. बस आपको वेबसाइट्स पर निशुल्क रजिस्ट्रेशन करना है और आप उस वेबसाइट्स पर उपलब्ध प्रीपेड रिचार्ज सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आपके पास डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड या इन्‍टरनेट बैंकिग पासवर्ड होना चाहिए।

1. fastrecharge.com
2. mobikwik.com
3. rechargeitnow.com
4. onestoprecharge.com
5. ezrecharge.in
6. easymobilerecharge.com
7. apnabill.com

मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011

’भारतीय रेल सामान्य ज्ञान’

भारतीय रेल भारत सरकार का सबसे बड़ा संगठन है। यह  विश्व    की दूसरी सबसे बडी रेल अर्थव्यवस्था है। देश के कोने कोने में बिछी रेल पटरियां वास्तव में इस देश की धमनियां हैं। भारत के विभिन्न भागों को आपस में जोड्ने का कार्य जितनी  कुशलता से भारतीय रेलें कर रही हैं, उतना कोई अन्य संसाधन नहीं। प्रतिदिन लाखों यात्रियों तथा टनों माल को इधर से उधर पहुंचाने के लिए रेलगाडियां सर्वसुलभ साधन हैं। इस विशाल नेटवर्क के संचालन, अनुरक्षण और विकास के पीछे हजारों अधिकारियों, कर्मचारियों,  कुशल तकनीषियनों इत्यादि के अथक प्रयास तथा करोडों रुपयों का सरकारी निवेश  सम्मिलित है।


भारतीय रेल के इस विराट ढांचे और बहुस्तरीय व्यवस्था को देखकर आम जन के मन में भारतीय रेल के प्रति जिज्ञासा होना स्वाभाविक है। रेलवे से संबंधित बहुत सी प्रिन्ट सामग्री बाजार में उपलब्ध है किन्तु वह सरलीकृत रूप में नहीं है जिसे आम जन द्वारा पढ़ा जा सके।

हाल ही में उपकार प्रकाशन  द्वारा ’भारतीय रेल सामान्य ज्ञान’ शीर्षक से एक पुस्तक प्रकाशित की गई है। यह पुस्तक हिन्दी भाषा में प्रश्नोत्तर रूप में लिखी गई है। पुस्तक के लेखक हैं श्री संजय सुमन जो काफी समय से लेखन में सक्रिय हैं। इस पुस्तक में भारतीय रेल का इतिहास, रेलवे के जोन तथा मण्डल, भाप इंजनों से लेकर डीजल इंजन तक का विकास, टॉय ट्रे्न, रेल यातायात तथा सिग्नल प्रणाली इत्यादि, रेलवे के प्रसिद्ध हिल स्टेशन, रेलवे के विभिन्न संस्थानों इत्यादि के बारे में जानकारी दी गई है। यह पुस्तक आम लोगों के साथ ही प्रतियोगियों के लिए भी लाभप्रद हो सकती है।  हिन्दी भाषा में प्रतियोगी परीक्षाओं की सामग्री के प्रकाशन में उपकार प्रकाशन एक प्रसिद्ध और विश्वसनीय नाम है। खास बात यह है कि पुस्तक का मूल्य केवल पैंतीस रुपये रखा गया है जो कि हर व्यक्ति की जेब की सामर्थ्य के भीतर है।

पुस्तक के बारे में संक्षिप्त जानकारी इस प्रकार है-

’’भारतीय रेल सामान्य ज्ञान’’
लेखक- संजय सुमन
मूल्य - ` 35/-
प्रकाशक - उपकार प्रकाशन, 2/11ए, स्वदेशी बीमा नगर, आगरा-282002,
फोन नं0 0562-4053333, 2531101, 2530966,
फैक्स 0562-4053330
ईमेलः publisher@upkar.in

रविवार, 12 दिसंबर 2010

वायरलेस इन्टरनेट का बढ़िया प्लान

मोबाइल क्रान्ति से होते हुए आज हम इन्टरनेट क्रान्ति के दौर में पहुँच चुके हैं.  अब तो इन्टरनेट देश के ऐसे दूर-दराज़ के इलाकों में पांव पसार चूका है जहाँ पहले बिजली और टेलिफ़ोन जैसी सुविधायें भी दूर की  कौड़ी हुआ करती थी. पिछले एक डेढ़ सालों में आई वायरलेस इन्टरनेट क्रांति ने तो मानो लोगों की दुनिया ही बदल कर रख दी है. वायरलेस इन्टरनेट यानी ज्यादा आजादी, ज्यादा एडजसटेबिलिटी.  टाटा फोटोन, रिलायंस नेट कनेक्ट , एयरटेल जैसी कम्पनियाँ वायरलेस ब्रॉडबैंड लेकर आ गयी हैं. लेकिन  अभी भी इनमे से तमाम प्लान ज्यादातर लोगों की जेब की क्षमता से कहीं अधिक महंगे  हैं.

मगर एक प्लान ऐसा भी है जो ज़्यादातर लोगों की पहुँच में है. अफ़सोस की बात यह है कि जिस कंपनी ने इसे लौंच किया है वह इसे सही ढंग से प्रोमोट नहीं कर रही है जिसकी वजह से लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है. यह है बी एस एन एल का ३जी डाटा कार्ड का प्रीपेड प्लान. मात्र ३२५० रुपैये देकर बी एस एन एल का ३जी डाटा कार्ड खरीदिये. १०० रुपैये एक्टिवेशन चार्ज दीजिये  और हो जाइए वायरलेस इन्टरनेट कनेक्शन के धारक. इस प्लान में २७४ रुपैये के रिचार्ज से आप ३० दिनों तक असीमित  डाउनलोड का आनंद ले सकते हैं ५१२ के बी पी एस की गति से. वहीँ ६९९ रुपैये के रिचार्ज से आप ९० दिनों तक असीमित डाउनलोड का आनंद ले सकते हैं. इसमें रोमिंग का भी कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है न ही कोई छिपे हुए चार्जेस हैं. दरअसल मैं यह सब इसलिए अपने ब्लॉग पर लिख रहा हूँ क्यूँ कि मैंने आज ही यह कनेक्शन लिया है और उसी का इस्तेमाल करते हुए मैं यह पोस्ट लिख रहा हूँ. कीमत को देखते हुए मुझे यह कनेक्शन के परफोर्मेंस  बहुत ही अच्छी लगी. विश्वास कीजिये, यह सब लिखने के लिए मुझे बी एस एन एल से कोई कमीशन नहीं मिला है.

दरअसल इस पोस्ट को लिखने के पीछे मेरा मकसद यह बताना है कि कभी-कभी आक्रामक मार्केटिंग के आगे कई ऐसी चीज़ें भी छिप जाती हैं जो आमजन के लिए  वास्तव में उपयोगी होती हैं. यही तो आज के बाजारवाद का कमाल है कि गंजे को कंघी और काले बालों वाले को डाई बेच सकता है. ग्राहक जिस चीज़ की तलाश में रहता है वो तो उसकी नज़रों के सामने भी नहीं आ पाती.  

मंगलवार, 11 मई 2010

Free SMS Websites

मोबाइल एस एम एस आज सबकी दिनचर्या का अंग बन गया है। टेलीग्राम का स्थान अब एस एम् एस ने ले लिया है। एस एम एस के ज़रिये हम अपने दोस्तों और परिजनों को शुभकामनाएं और बधाई इत्यादि भेजते हैं। लेकिन मोबाइल कम्पनियाँ कुछ खास मौकों पर एस एम एस का शुल्क बढ़ा देती है। लेकिन अब फ़िक्र करने की ज़रुरत नहीं है। अब ऐसी कई वेब साईट मौजूद हैं जिनसे फ्री में एस एम एस किया जा सकता है। ऐसी कुछ वेब साईट की सूची नीचे दी गयी है। 

1. www.way2sms.com
2. www.youmint.com
3. www.freesms8.com
4. www.160by2.com
5. www.mysmsindia.com
6. www.junglesms.com
7. www.ismswu.com
8. www.spicesms.com
9. www.sms7.in
10. www.smsplanet.org
11. www.zozocindia.ning.com
12. www.www.skebby.com
13. www.fullonsms.com


इन वेब साईट पर नि:शुल्‍क रजिस्टर करके आप आराम से एस एम एस भेज सकते हैं, यही नहीं अधिकांश साइट्स पर एसएमएस शेड्यूलिंग की भी सुविधा है जिसके द्वारा भविष्‍य की किसी तारीख में भेजे जाने वाले एसएमएस को पहले से सेट कर देने पर वह निर्धारित तारीख को अपने आप प्राप्‍तकर्ता को मिल जायेगा। है न मजेदार चीज।

शुक्रवार, 7 मई 2010

मुंबई लोकल

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादेमी द्वारा ३ मार्च, २०१० को घोषित विभिन्न पुरस्कारों के अंतर्गत पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित हिंदी पुस्तक 'मुंबई लोकल' के लिए इसके लेखक विमल मिश्र को 'रिपोर्ताज' श्रेणी का काका कालेलकर स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया है। श्री विमल मिश्र 'नवभारत टाइमस' के वरिष्ठ रिपोर्टर हैं।

'मुंबई लोकल' एक काफी टेबल बुक है। इस पुस्तक में 'नवभारत Times' के मुंबई संस्करण में 'स्टेशन नामा' स्तम्भ के अंतर्गत सिलसिलेवार छपे मुंबई के तमाम उपनगरीय स्टेशनों के इतिहास की जानकारी दुर्लभ छायाचित्रों के साथ संग्रहीत की गयी है। भारतीय रेल विशेषकर मुंबई की उपनगरीय सेवा के इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह एक अच्छी पुस्तक है। इस प्रकार की पुस्तकें प्रायः अंग्रेज़ी में प्रकाशित होती रहती हैं। हिंदी में इस तरह का यह संभवतः पहला प्रयास है। इसके लिए पश्चिम रेलवे तथा श्री विमल मिश्र बधाई के पात्र हैं।

('भारतीय रेल' के मार्च २०१० अंक से साभार)

सोमवार, 19 अप्रैल 2010

स्‍टेनोग्राफर्स की 'आस्था'

'आस्था' भारत की एकमात्र पत्रिका है जो स्टेनोग्राफर्स संवर्ग के कर्मचारियों के लिए मथुरा-आगरा से प्रकाशित की जाती है। संवर्ग के कई लोगों को इस पत्रिका के बारे में जानकारी नहीं है। अतः मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से इस पत्रिका के बारे में बताना चाहता हूँ। इस पत्रिका के सम्पादक हैं श्री विश्वनाथ श्रीवास्तव जो अखिल भारतीय स्टेनोग्राफर्स / वैयक्तिक सहायक, निजी सचिव महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पत्रिका के परामर्श मंडल में डॉक्टर गोपाल दत्त बिष्ट जैसे वरिष्ठ स्टेनोग्राफर्स हैं। यह वही बिष्ट जी हैं जिनके नाम हिंदी आशुलिपि में सबसे तेज़ गति से लिखने का गिनीस बुक में रिकॉर्ड दर्ज है। उदाहरण स्वरुप पत्रिका के एक अंक के कवर पृष्ठ की इमेज नीचे दी गयी है

पत्रिका का वार्षिक सदस्यता शुल्क १०० रुपये और वी आई पी सदस्यता शुल्क ५०० रुपये है। विशिष्ट सदस्य अपना नाम, पता, फ़ोन, पासपोर्ट साइज़ का फोटो भी भेजें जिसे पत्रिका में प्रकाशित किया जा सके। सदस्यता हेतु धनादेश अथवा डिमांड ड्राफ्ट निम्न पते पर भेज सकते हैं-
विश्वनाथ श्रीवास्तव
प्रधान सम्पादक 'आस्था'
३५-ऐ, नोर्थ अर्जुन नगर, आगरा-२८२००१.